शराब-कबाब -शबाब
दुनिया शौकीन है, तीन चीजों की
पहली शराब, दूजी कबाब और तिजी शबाब
रोज़ शाम को आये, इनका ख्याल
पार्टी में ना आये, इनके बिना मज़ा
ये नहीं मिले तो लगे, जिंदगी एक सज़ा
इनका चस्का हे, बड़ा ख़राब
पहली शराब, दूजी कबाब और तिजी शबाब
पार्टी में ये चीजें करती हे, बड़ा कमाल
पार्टी में फिर तो होती हे ,बड़ी धमाल
जिनको ये नहीं मिलती हे, उनको होती हे, बड़ी मलाल
माईकल रोज़ पी कर करता हे, मोहल्ले में बड़ी धमाल
बार-बार आये, इनका ख्वाब
पहली शराब ,दूजी कबाब और तिजी शबाब
शराब मिलने पर समझे, अपने को नवाब
ज्यादा कबाब खाने से, हो जाता है जुलाब
शबाब मिल जाने पर, हो जाता है लाजवाब
इन तीनों चीजों का तो , भाई क्या है जवाब
बार-बार आये, इनका ख्वाब
पहली शराब ,दूजी कबाब और तिजी शबाब
होती हे ये चीजे, बड़ी खराब
फिर भी लोग रोज़, पीते हे शराब
हमेशा रहती हे इनकी, बड़ी मांग
पर ये चीजें होती है , बड़ी रांग
क्यों क्या समझे, जनाब
पहली शराब, दूजी कबाब और तिजी शबाब
पीने के बाद मत समझो, अपने आप को नवाब
पीने के बाद क्यों झाड़ता हे, तू इतना रुबाब
ये चीजें होती है, बड़ी ही नायाब
क्यों क्या समझे, जनाब
पहली शराब, दूजी कबाब और तिजी शबाब
रोज शाम को मत पीओ ,तुम शराब
क्योंकि ये होती है, बड़ी ही खराब
रोज़ घर पर तुम, क्या दोगे जवाब
रोज़ पीने से , नहीं होंगे कामयाब
इनकी आदतें है , बड़ी ही खराब
पहली शराब, दूजी कबाब और तिजी शबाब
प्रदीप कछावा
7000561914
prkrtm36@gmail.com
पहली शराब, दूजी कबाब और तिजी शबाब
प्रदीप कछावा
7000561914
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