दुनिया दुश्मन हे प्यार की
दुनिया दुश्मन हे, प्यार की
दुनिया दुश्मन हे, यार की
प्यार करना, यहाँ गुनाह हे
यही हमने, यहाँ पर सूना हे
दो दिल चाहने वाले
प्यार ना, जता पाए
चाह कर भी, मिल ना पाए
यही वजह हे, दिल के हार की
दुनिया दुश्मन हे, प्यार की
दुनिया दुश्मन हे, यार की
दो दिल अन्दर ही अन्दर, घुटते रहते हे
दो दिल अन्दर ही अन्दर, टुटते रहते हे
प्यार करने को, दिल बहुत चाहे
यार से मिलने को, दिल बहुत चाहे
पर मिलना, दुनिया को ना भाये
यही वजह हे, दिल के हार की
दुनिया दुश्मन हे, प्यार की
दुनिया दुश्मन हे, यार की
मिलना चाहे पर, मिल ना पाए
जीना चाहे पर, जी ना पाए
ये केसी, अजीब सी प्यास हे
ये केसी, मिलने की आंस हे
मुझे याद आती हे, मेरे दिलदार की
दुनिया दुश्मन हे, प्यार की
दुनिया दुश्मन हे, यार की
चैन ना मिले जब तक, यार ना मिले
चैन ना मिले जब तक, यार का प्यार ना मिले
पर कोन सुने, दु:खी दिल लाचार की
दुनिया दुश्मन हे, प्यार की
दुनिया दुश्मन हे, यार की
प्रदीप कछावा
7000561914
prkrtm36@gmail,com
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