तुझे देखा
तुझे देखा जब से, तू मेरे मन को भायी
बैठे-बैठे मुझको, तू बहुत याद आयी
तेरे बारे मे ही, सोचता रहता हूँ
तुझे इधर-उधर, खोजता रहता हूँ
तू ही मेरे मन को भायी
तुझे देखा जब से, तू मेरे मन को भायी
तुझे पाने को, दिल चाहता हे
बस तुझे ही, दिल चाहता हे
मे तो हू, बस तेरा ही दीवाना
मुझसे तू, मत शरमाना
ज़रा हमसे तू, बतियाना
मेरे प्यार को तू, मत ठुकराना
मुझे तेरी, बहुत याद आयी
तुझे देखा जब से, तू मेरे मन को भायी
तू हर पल मुझे, बहुत याद आती हे
तेरी याद, दिलो-दिमाग से नहीं जाती हे
तुझे पाने के लिए, क्या करू मे जतन
तेरे पास आने के लिए, क्या करू मे जतन
तू ही रे, दिल पर हे छायी
जब से तुझको देखा, में खोया-खोया रहता हु
तेरे ही ख्यालों मे,में सोया-सोया रहता हु
तुझे देखा जब से, तू मेरे मन को भायी
ओ गोरी तू बनजा, अब मेरी
ये ही तमन्ना हे, अब मेरी
मुझे तेरी याद, बहुत हे आयी
तुझे देखा जब से, तू मेरे मन को भायी
प्रदीप कछावा
7000561914
prkrtm36@gmail,com
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