जाने - जाना
ओ मेरी जाने जाना ,मकसद है तुझको पानादूर मुझसे ना जाना,अब तू ही है मेरा ठिकाना
ओ मेरी जाने जाना ,मकसद है तुझको पाना
दूर मुझसे ना जाना , अब तू ही है मेरा ठिकाना
तू ही है मेरा खजाना , और मैं ही हू तेरा दीवाना
करीब है तुझे लाना , दिल मुझसे तू लगाना
करीब मेरे तू आना , अब ना चलेगा कोई बहाना
तुझको ही मैंने माना , मेरा जीवन तू जगमगाना
श्रृंगार कर, मेरे करीब तू आना, फिर दूर तू ना जाना
ओ मेरी जाने जाना , मकसद है तुझको पाना
दूर मुझसे ना जाना , अब तू ही है मेरा ठिकाना
छेडू मैं कोई तराना , सजधज के तू मेरे पास आना
जीवन है आना-जाना, अब जल्दी ही तुझको है पाना
घर मेरा तू ही सजाना , रोशनी मेरे द्वारे तू ही लाना
तुझको डालू मैं दाना , तू करती है कितने बहाना
खुशबू तेरी आना , कर देती है मुझको दीवाना
ओ मेरी जाने जाना ,मकसद है तुझको पाना
दूर मुझसे ना जाना , अब तू ही है मेरा ठिकाना
तुझको ही मैंने माना , तेरे लिए गाऊ मैं गाना
मैं हूँ तेरा दीवाना , मेरा जीवन तू ही सजाना
मेरे करीब तो आना , खुशबू से मेरा घर महकाना
पनघट मेरे तू आना , अब ना चलेगा कोई बहाना
पनघट पर तेरा आना , आबाद हो गया मेरा वीराना
ओ मेरी जाने जाना ,मकसद है तुझको पाना
दूर मुझसे तू ना जाना , अब तु ही है मेरा ठिकाना
प्रदीप कछावा
7000561914
prkrtm36@gmail.com
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