मन
मेरा क्यों भटकता है, मन
स्थिर नहीं रहता है, क्यों भटकता है मन
मन जाने क्या , सोचता रहता है
मन जाने क्यों, टोकता रहता है
मन मै जाने क्या-क्या, विचार आते है
फिर बड़ी मुश्किल से ये, विचार जाते है
मुझे हमेशा, क्यों होती रहती है, ये घुटन
मेरा ईधर -ऊधर, क्यों भटकता रहता है, ये मन
स्थिर नहीं रहता है, क्यों भटकता रहता है, ये मन
मन में जाने क्या, अजीब सा घुटन होता है
मन में जाने क्या, अजीब सा टुटन होता है
मन में जाने क्यों, नहीं रहती है, ये शांति
मन में तो, हमेशा चलती रहती है, ये क्रांति
मेरे बस में नहीं है, मेरा चंचल ये मन
मेरा ईधर -ऊधर, क्यों भटकता रहता है, ये मन
स्थिर नहीं रहता है, क्यों भटकता रहता है ये मन
मन जाने क्या-क्या, करवाता रहता है
मन तो मुसीबतों में, फंसवाता रहता है
पता नहीं, किसी के मन में, क्या चल रहा है
मन ही मन में, कौन किस पर,जल रहा है
मन में, जाने क्यों होती है, ये जलन
मेरा ईधर -ऊधर, क्यों भटकता रहता है, ये मन
स्थिर नहीं रहता है ,क्यों भटकता रहता है, ये मन
प्रदीप कछावा
7000561914
prkrtm36@gmail.com
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