गम
इस जिंदगी में हे, सभी को कई गम
ये होते नहीं हे, जिंदगी में कभी कम
एक गम भुला ना पायेगा
तो दूसरा गम चला आएगा
और दूसरा गम भुला ना पायेगा
तो तीसरा गम चला आएगा
ये सिलसिला ना होगा कभी कम
इस जिंदगी में हे, सभी को कई गम
ये होते नहीं हे, जिंदगी में कभी कम
क्यों तू हमेशा सोचता रहता हे
दिल ही दिल में क्या कहता हे
क्यों तू इतना गम सहता हे
कब आएंगे अच्छे दिन, ये दिल कहता हे
जिंदगी में हार, के ना हो कभी हिम्मत कम
इस जिंदगी में हे, सभी को कई गम
ये होते नहीं हे, जिंदगी में कभी कम
किसी को बीमारी का, किसी को बेरोजगारी का हे गम
इस गम को भुलाने के लिए, तू मत पी यार रम
जिंदगी में हार के ,ना हो हिम्मत कभी कम
हौसला, हिम्मत और रखना तू दम
दुनिया का गम देखकर, हो गई मेरी आँखे नम
इस जिंदगी में हे, सभी को कई गम
ये होते नहीं हे, जिंदगी में कभी कम
प्रदीप कछावा
700561914
prkrtm36@gmail.com
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